LPG gas cylinder price hike: भारत में एलपीजी सिलेंडर खाना पकाने के लिए एक प्रमुख साधन बन चुका है। शहरी और ग्रामीण इलाकों में इसकी मांग तेजी से बढ़ी है, और यह न केवल ऊर्जा का स्वच्छ स्रोत है, बल्कि लोगों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव का कारण भी बना है। एलपीजी की कीमतों में समय-समय पर बढ़ोतरी आम जनता के लिए चिंता का विषय बनती है, लेकिन इसके उपयोग और सरकारी योजनाओं के कारण यह अब हर घर का हिस्सा बन चुका है।
एलपीजी सिलेंडर का बढ़ता उपयोग और मांग
भारत में हर घर में एलपीजी सिलेंडर का उपयोग आम हो गया है। 2014 में जहां केवल 14.52 करोड़ कनेक्शन थे, वहीं 2024 तक यह संख्या 31.83 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। यह वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि सरकार द्वारा स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के प्रयास सफल रहे हैं।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की भूमिका
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने एलपीजी सिलेंडर के उपयोग को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है। 1 मई 2016 को शुरू हुई इस योजना के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिए गए। योजना के माध्यम से अब तक 10.33 करोड़ से अधिक कनेक्शन वितरित किए जा चुके हैं। इसके अलावा, लाभार्थियों को 300 रुपये तक की सब्सिडी भी दी जाती है। यह योजना ग्रामीण महिलाओं को धुएं से मुक्त वातावरण प्रदान करने और उनके जीवन स्तर को सुधारने में महत्वपूर्ण साबित हुई है।
खपत में हो रही निरंतर वृद्धि
एलपीजी सिलेंडर की खपत में साल-दर-साल बढ़ोतरी हो रही है। 2019-20 में प्रति व्यक्ति खपत 3.01 सिलेंडर थी, जो 2023-24 में बढ़कर 3.95 सिलेंडर हो गई। अक्टूबर 2024 तक यह आंकड़ा 4.34 सिलेंडर तक पहुंचने का अनुमान है। यह बदलाव इस बात का संकेत है कि भारत स्वच्छ और सुविधाजनक ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ रहा है।
गैस वितरकों की संख्या में बढ़ोतरी
देश में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए गैस वितरकों की संख्या में भी बढ़ोतरी की गई है। 2014 में जहां यह संख्या केवल 13,896 थी, वहीं 2024 तक यह बढ़कर 25,532 हो चुकी है। इनमें से 90% वितरक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं। इससे ग्रामीण इलाकों में एलपीजी की पहुंच सुनिश्चित हुई है और लोगों को ईंधन की समस्या से राहत मिली है।
पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रभाव
एलपीजी सिलेंडर का उपयोग पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद है। यह लकड़ी और कोयले जैसे पारंपरिक ईंधन के उपयोग को कम करता है, जिससे वायु प्रदूषण और जंगलों की कटाई में कमी आती है। महिलाओं को खाना पकाने के दौरान धुएं से राहत मिलती है, जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार होता है। स्वच्छ ऊर्जा का यह साधन न केवल पर्यावरण को सुरक्षित रखता है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी लाता है।
कीमतों में बढ़ोतरी की चुनौती
हालांकि एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी ने आम जनता की परेशानी बढ़ाई है, लेकिन सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी ने इस बोझ को कुछ हद तक कम किया है। उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों को रिफिल पर छूट दी जा रही है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि स्वच्छ ऊर्जा हर व्यक्ति की पहुंच में बनी रहे।
निष्कर्ष
एलपीजी सिलेंडर का बढ़ता उपयोग भारत में स्वच्छ ऊर्जा और बेहतर जीवनशैली की दिशा में बढ़ते कदम को दर्शाता है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना जैसे सरकारी प्रयासों ने इसे घर-घर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। यह न केवल सुविधाजनक और स्वच्छ ऊर्जा का साधन है, बल्कि पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।
एलपीजी सिलेंडर की बढ़ती खपत यह साबित करती है कि भारत स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहा है। हालांकि, बढ़ती कीमतें एक चुनौती हैं, लेकिन इनसे निपटने के लिए सरकार और जनता को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है।