TRAI New Rule 2025: आज के समय में कई लोग दो सिम का उपयोग करते हैं। इनमें से एक सिम मुख्य रूप से डेटा और कॉलिंग के लिए इस्तेमाल होती है, जबकि दूसरी सिम बैकअप या अन्य ज़रूरतों के लिए रखी जाती है। हालांकि, सेकेंडरी सिम को एक्टिव रखने के लिए महंगे रिचार्ज प्लान्स लेना एक चुनौती बन गया है। इस समस्या को हल करने के लिए TRAI (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने नए नियम लागू किए हैं, जिससे अब सिर्फ 20 रुपये में सेकेंडरी सिम को एक्टिव रखा जा सकता है।
TRAI के नए नियम: सेकेंडरी सिम उपयोगकर्ताओं के लिए राहत
TRAI के नए नियम के तहत यदि कोई सिम 90 दिनों तक उपयोग में नहीं आता, तो उसे डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा। हालांकि, डिएक्टिवेट करने से पहले यूजर्स को 20 दिनों का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। इस दौरान यदि सिम में बैलेंस बचा हुआ है, तो उसमें से केवल 20 रुपये काटकर सिम को 30 दिनों तक एक्टिव रखा जाएगा।
यह नियम उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है, जो सेकेंडरी सिम को कम से कम खर्च में चालू रखना चाहते हैं।
डिएक्टिवेट होने के बाद क्या करना होगा?
अगर सिम डिएक्टिवेट हो जाती है, तो TRAI ने ग्राहकों को 15 दिनों का ग्रेस पीरियड भी दिया है। इस दौरान यूजर अपनी सिम को दोबारा एक्टिवेट कराने के लिए टेलीकॉम कंपनी की कस्टमर सर्विस से संपर्क कर सकते हैं। अगर सिम पूरी तरह से डिएक्टिवेट हो जाती है और इसे समय पर एक्टिवेट नहीं किया जाता, तो उस नंबर को रीसाइकिल कर किसी अन्य ग्राहक को आवंटित कर दिया जाएगा।
TRAI के नए नियम के फायदे
1. कम खर्च में सेकेंडरी सिम एक्टिव
TRAI के इस कदम से अब महंगे रिचार्ज प्लान्स की जरूरत नहीं होगी। सिर्फ 20 रुपये में सिम को एक्टिव रखा जा सकता है।
2. ग्रेस पीरियड का लाभ
डिएक्टिवेट होने से पहले 15 दिनों का ग्रेस पीरियड मिलने से यूजर्स के पास समय होगा, जिससे वे अपनी सिम को दोबारा चालू करा सकते हैं।
3. पारदर्शिता में सुधार
सिम डिएक्टिवेशन और रीसाइक्लिंग की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
4. नंबर रीसाइक्लिंग की बेहतर प्रक्रिया
TRAI के नए नियम से निष्क्रिय नंबरों को जल्द रीसाइक्लिंग में डालकर नए ग्राहकों को उपलब्ध कराया जा सकेगा।
राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0: डिजिटल कनेक्टिविटी का विस्तार
हाल ही में सरकार ने राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 की घोषणा की है। इस मिशन का उद्देश्य देश के ग्रामीण इलाकों में डिजिटल कनेक्टिविटी को मजबूत करना है।
मिशन के मुख्य लक्ष्य:
- वर्ष 2030 तक 2.70 लाख गांवों में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाना।
- ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, आंगनवाड़ी और पंचायत कार्यालयों को ब्रॉडबैंड से जोड़ना।
- शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच डिजिटल गैप को कम करना।
संचार साथी ऐप: सिम से जुड़ी समस्याओं का समाधान
सरकार ने संचार साथी ऐप लॉन्च किया है, जिससे यूजर्स को अपनी सिम और मोबाइल नंबर से संबंधित सभी जानकारी मिल सके।
ऐप की प्रमुख विशेषताएं:
- सिम डिएक्टिवेशन से जुड़ी जानकारी।
- बैलेंस और रिचार्ज स्टेटस की अपडेट।
- डुप्लीकेट या चोरी हुए सिम के लिए मदद।
- सभी मोबाइल नंबरों का विवरण एक ही प्लेटफॉर्म पर।
यह ऐप सिम डिएक्टिवेशन और अन्य समस्याओं का समाधान प्रदान करता है, जिससे यूजर्स को काफी सहूलियत होती है।
TRAI के नए नियम सेकेंडरी सिम उपयोगकर्ताओं के लिए क्यों हैं फायदेमंद?
TRAI के नए नियम खासकर उन उपयोगकर्ताओं के लिए फायदेमंद हैं, जो सेकेंडरी सिम को बैकअप के रूप में रखते हैं। यह नियम न केवल सिम को एक्टिव रखने की प्रक्रिया को आसान बनाता है, बल्कि अतिरिक्त खर्च को भी कम करता है।
इसके अलावा, राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 और संचार साथी ऐप जैसे कदम डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में अहम साबित होंगे।
निष्कर्ष
TRAI के नए नियम सेकेंडरी सिम रखने वाले ग्राहकों के लिए एक बड़ा राहतभरा कदम है। अब महंगे रिचार्ज प्लान्स की आवश्यकता नहीं होगी, और सिर्फ 20 रुपये में सिम को एक्टिव रखा जा सकेगा।
इसके साथ ही, राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 और संचार साथी ऐप जैसे इनिशिएटिव्स ने देश में डिजिटल कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई पर ले जाने का वादा किया है।