TRAI Landline Number Change 2025: डिजिटल युग में जहां मोबाइल नेटवर्क ने अपनी जगह पक्की कर ली है, वहीं लैंडलाइन सेवाएं अब भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसी बीच टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने देशभर में लैंडलाइन सेवाओं को लेकर एक महत्वपूर्ण बदलाव की सिफारिश की है। अगर ये बदलाव लागू होते हैं, तो पूरे देश के लैंडलाइन नंबर बदल जाएंगे। आइए जानते हैं इस बड़े फैसले के पीछे की वजह, संभावित बदलाव और इसका प्रभाव।
TRAI का बड़ा फैसला: क्या बदलेंगे लैंडलाइन नंबर?
TRAI ने देशभर के लैंडलाइन नंबरिंग सिस्टम को बदलने की सिफारिश की है। इसके अंतर्गत अब लैंडलाइन नंबर भी मोबाइल की तरह 10 अंकों के होंगे। साथ ही, लैंडलाइन से लैंडलाइन कॉल करने के लिए पहले ‘0’ लगाना अनिवार्य होगा।
प्रमुख बदलाव:
- लैंडलाइन नंबर अब 10 अंकों के होंगे।
- लैंडलाइन से कॉल करने के लिए पहले ‘0’ लगाना होगा।
- मोबाइल से लैंडलाइन पर कॉल करने का तरीका पहले जैसा ही रहेगा।
यह बदलाव क्यों जरूरी है?
TRAI ने बताया कि मोबाइल और कनेक्टेड डिवाइसेज की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह बदलाव आवश्यक हो गया है। वर्तमान में मोबाइल और लैंडलाइन नंबरों के लिए समान 10 अंकों का सिस्टम अपनाने की जरूरत महसूस की गई है।
मुख्य कारण:
- मोबाइल और IoT डिवाइसेज की बढ़ती संख्या।
- लैंडलाइन सेवाओं को अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना।
- नेटवर्क फ्रॉड को कम करने के लिए एकीकृत नंबरिंग प्रणाली।
टेलीकॉम ऑपरेटरों को मिला 6 महीने का समय
TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को इन बदलावों को लागू करने के लिए 6 महीने का समय दिया है।
- पोर्टेबिलिटी की सुविधा: अगले 5 वर्षों में लैंडलाइन नंबर भी मोबाइल की तरह पोर्ट किए जा सकेंगे।
- फ्रॉड कॉल्स की रोकथाम: कॉलर आईडी नेम (CNAP) सर्विस जल्द शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
- वेरिफिकेशन प्रक्रिया: फर्जी नंबरों को रोकने के लिए वेरिफिकेशन प्रक्रिया को मजबूत बनाने की सलाह दी गई है।
M2M डिवाइस के लिए 13 डिजिट के नंबर
TRAI ने मशीन-टू-मशीन (M2M) डिवाइस के लिए 13 अंकों के नंबर जारी करने की सिफारिश की है। फिलहाल इन डिवाइसेज के लिए 10 अंकों के नंबर जारी किए जाते हैं। यह बदलाव IoT डिवाइस और स्मार्ट उपकरणों के बढ़ते उपयोग को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
उपभोक्ताओं पर प्रभाव
- पुराने लैंडलाइन नंबर बदलेंगे: ग्राहकों को नए नंबर याद करने की आवश्यकता होगी।
- कॉल करने का तरीका बदलेगा: अब लैंडलाइन से कॉल करने के लिए ‘0’ लगाना अनिवार्य होगा।
- फ्रॉड कॉल्स की रोकथाम: कॉलर आईडी सेवा से उपभोक्ताओं को कॉलर की पहचान करने में आसानी होगी।
- बेहतर नेटवर्क सेवाएं: एकीकृत नंबरिंग प्रणाली से कॉल ड्रॉप और नेटवर्क कंजेशन की समस्या कम होगी।
टेलीकॉम ऑपरेटरों पर प्रभाव
- सिस्टम अपग्रेड: टेलीकॉम कंपनियों को अपने सिस्टम को नए नियमों के अनुसार अपग्रेड करना होगा।
- कस्टमर सपोर्ट: ग्राहकों को इस बदलाव की जानकारी देने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाना होगा।
- वेरिफिकेशन प्रक्रिया: कंपनियों को मजबूत वेरिफिकेशन सिस्टम लागू करना होगा।
ग्राहकों के लिए सुझाव
- नए नियमों की जानकारी रखें: अपने टेलीकॉम सेवा प्रदाता से संपर्क करके नए बदलावों की जानकारी प्राप्त करें।
- कॉल करने के तरीके को अपनाएं: लैंडलाइन से कॉल करने के लिए ‘0’ लगाना सुनिश्चित करें।
- फ्रॉड कॉल्स से सतर्क रहें: कॉलर आईडी सेवा का उपयोग करें और किसी भी संदिग्ध कॉल की रिपोर्ट करें।
निष्कर्ष
TRAI का यह बड़ा फैसला देश की टेलीकॉम सेवाओं को अधिक सुरक्षित और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि शुरुआत में ग्राहकों को कुछ असुविधा हो सकती है, लेकिन लंबे समय में यह निर्णय बेहतर सेवाओं की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
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