RBI WhatsApp Warning: आज के डिजिटल युग में साइबर क्राइम एक गंभीर समस्या बन चुका है। साइबर अपराधी लगातार नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वॉट्सऐप चलाने वाले करोड़ों लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। इसमें खासतौर पर ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसे फ्रॉड से सतर्क रहने की अपील की गई है। आइए इस चेतावनी को विस्तार से समझें और जानें कि कैसे आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
डिजिटल अरेस्ट क्या है?
डिजिटल अरेस्ट का तात्पर्य साइबर अपराधियों द्वारा किया जाने वाला एक नया धोखाधड़ी का तरीका है। इसमें अपराधी वॉट्सऐप या किसी अन्य वीडियो कॉल ऐप पर कॉल करके व्यक्ति को धमकी देते हैं कि उन्हें “डिजिटल अरेस्ट” किया जाएगा। यह पूरी तरह से झूठ और धोखाधड़ी पर आधारित है, क्योंकि भारतीय कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
RBI ने क्या चेतावनी दी है?
भारतीय रिजर्व बैंक ने इस विषय पर एक महत्वपूर्ण संदेश जारी किया है। आरबीआई ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे ऐसे किसी भी कॉल या संदेश के झांसे में न आएं। आरबीआई का संदेश इस प्रकार है:
“क्या आपको डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी दी जा रही है? कानून में डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ भी नहीं है। व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी शेयर न करें और न ही किसी को पैसे का भुगतान करें। मदद के लिए 1930 पर कॉल करें।”
साइबर अपराधियों के कैसे होते हैं हमले?
- वीडियो कॉल फ्रॉड: अपराधी वॉट्सऐप या अन्य वीडियो कॉल ऐप के माध्यम से संपर्क करते हैं।
- डिजिटल अरेस्ट की धमकी: वे आपको बताते हैं कि आपकी ऑनलाइन गतिविधियों के कारण आपको डिजिटल रूप से गिरफ्तार किया जाएगा।
- पैसे की मांग: वे आपको डराकर मोटी रकम देने के लिए मजबूर करते हैं।
इस तरह के फ्रॉड से कैसे बचें?
- संदिग्ध कॉल को तुरंत काटें: यदि आपको कोई अनजान व्यक्ति वॉट्सऐप पर कॉल करके डिजिटल अरेस्ट की धमकी दे, तो तुरंत फोन काट दें।
- व्यक्तिगत जानकारी न साझा करें: बैंक डिटेल्स, OTP, आधार नंबर जैसी संवेदनशील जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
- RBI की हेल्पलाइन का उपयोग करें: साइबर क्राइम की रिपोर्ट करने के लिए तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।
- ऑथेंटिकेशन चेक करें: केवल विश्वसनीय ऐप्स और वेबसाइट्स का ही उपयोग करें।
डिजिटल सुरक्षा के लिए सुझाव
- दो-स्तरीय प्रमाणीकरण: अपने वॉट्सऐप और अन्य ऑनलाइन अकाउंट्स में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें।
- साइबर सुरक्षा शिक्षा: खुद को और अपने परिवार को साइबर सुरक्षा के विषय में जागरूक बनाएं।
- फिशिंग लिंक से बचाव: किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें।
सरकार और RBI की पहल
साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें अपनी तरफ से कई पहल कर रही हैं। इसके अतिरिक्त RBI भी लगातार लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चला रहा है। डिजिटल लेन-देन के बढ़ते उपयोग के साथ सतर्कता बेहद जरूरी हो गई है।
निष्कर्ष
आज के दौर में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग बढ़ता जा रहा है, और इसके साथ ही साइबर क्राइम का खतरा भी बढ़ रहा है। ऐसे में जरूरी है कि हम सभी सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें। डिजिटल अरेस्ट जैसी धोखाधड़ी से बचने के लिए RBI की सलाह का पालन करें और जरूरत पड़ने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।