Petrol Diesel Price Today: वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में एक बार फिर तेजी आई है। ब्रेंट क्रूड 76.44 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई 73.95 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है। यह स्थिति भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को प्रभावित कर सकती है, क्योंकि हमारा देश अपनी ईंधन जरूरतों का अधिकांश हिस्सा आयात करता है।
प्रमुख महानगरों में कीमतें
देश के चार प्रमुख महानगरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। दिल्ली में पेट्रोल 96.65 रुपये और डीजल 89.82 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। मुंबई में पेट्रोल 106.31 रुपये और डीजल 94.27 रुपये प्रति लीटर की दर से उपलब्ध है। चेन्नई में पेट्रोल 102.63 रुपये और डीजल 94.24 रुपये प्रति लीटर है, जबकि कोलकाता में पेट्रोल 106.03 रुपये और डीजल 92.76 रुपये प्रति लीटर की दर पर बिक रहा है।
एनसीआर में नई कीमतें
एनसीआर क्षेत्र में कीमतों में मामूली बदलाव देखा गया है। गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में पेट्रोल 94.77 रुपये और डीजल 87.89 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा है। गाजियाबाद में पेट्रोल की कीमत 94.70 रुपये और डीजल 87.67 रुपये प्रति लीटर हो गई है। पटना में पेट्रोल 105.41 रुपये और डीजल 92.26 रुपये प्रति लीटर की दर से उपलब्ध है।
कीमत निर्धारण की प्रक्रिया
सरकारी तेल कंपनियां प्रतिदिन सुबह 6 बजे नई कीमतें जारी करती हैं। इन कीमतों में कई घटक शामिल होते हैं:
- एक्साइज ड्यूटी
- राज्य स्तरीय वैट
- डीलर कमीशन इन करों और शुल्कों के कारण उपभोक्ताओं को मूल कीमत से लगभग दोगुनी कीमत चुकानी पड़ती है।
कीमतें जानने का तरीका
उपभोक्ता कई माध्यमों से रोज की कीमतें जान सकते हैं:
- तेल कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइट
- मोबाइल एप्लिकेशन
- एसएमएस सेवा
भविष्य का परिदृश्य
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि का सीधा प्रभाव भारतीय बाजार पर पड़ता है। चूंकि भारत अपनी ईंधन आवश्यकताओं का बड़ा हिस्सा आयात पर निर्भर करता है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उतार-चढ़ाव का प्रभाव घरेलू कीमतों पर भी पड़ता है। वर्तमान में कच्चे तेल की कीमतों में देखी जा रही बढ़ोतरी आने वाले समय में घरेलू कीमतों को प्रभावित कर सकती है।
उपभोक्ताओं पर प्रभाव
ईंधन की कीमतों में बदलाव का सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ता है। महानगरों में कीमतों के स्थिर रहने से कुछ राहत मिली है, लेकिन छोटे शहरों में कीमतों में मामूली बढ़ोतरी से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, ईंधन की कीमतों में वृद्धि का असर परिवहन लागत पर भी पड़ता है, जिससे अन्य वस्तुओं की कीमतें भी प्रभावित होती हैं।