High Court Loan EMI Bounce New Rule: आज के समय में हर व्यक्ति किसी न किसी कारण से बैंक से लोन लेता है। कभी घर खरीदने के लिए, कभी गाड़ी के लिए, तो कभी व्यवसाय शुरू करने के लिए। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि लोग समय पर लोन की किस्तें नहीं चुका पाते। ऐसी स्थिति में बैंक कड़े कदम उठाते हैं, जिससे लोन लेने वालों पर मानसिक दबाव बढ़ जाता है
लोन न चुकाने पर बैंक की कार्रवाई
जब कोई व्यक्ति समय पर लोन नहीं चुकाता, तो बैंक सबसे पहले उसे नोटिस भेजता है। अगर फिर भी भुगतान नहीं होता, तो बैंक उस व्यक्ति की संपत्ति जब्त कर सकता है। साथ ही उसका क्रेडिट स्कोर भी खराब हो जाता है, जिससे भविष्य में उसे लोन लेने में परेशानी हो सकती है।
लुकआउट सर्कुलर क्या है?
लुकआउट सर्कुलर यानि LOC एक कानूनी नोटिस है। इसे जारी करने के बाद कोई व्यक्ति देश से बाहर नहीं जा सकता। आमतौर पर यह नोटिस तब जारी किया जाता है, जब किसी व्यक्ति पर कोई अपराध का आरोप हो। लेकिन कई बार बैंक लोन न चुकाने वालों के खिलाफ भी यह नोटिस जारी कर देते हैं।
कार लोन का मामला
हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट में एक मामला आया, जिसमें एक व्यक्ति ने दो कारों के लिए लोन लिया था। पहली कार के लिए 13 लाख रुपये और दूसरी के लिए 12 लाख रुपये। कुछ समय तक वह किस्तें चुकाता रहा, लेकिन बाद में भुगतान बंद कर दिया। इस पर बैंक ने उसके खिलाफ LOC जारी कर दिया।
हाईकोर्ट का फैसला
दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में एक बड़ा फैसला दिया। कोर्ट ने कहा कि बैंक हर लोन के मामले में LOC जारी नहीं कर सकता। अगर कोई व्यक्ति अपराध नहीं करता, तो उसकी आजादी पर रोक नहीं लगाई जा सकती। कोर्ट ने बैंक को चेतावनी दी कि वह अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल न करे।
लोन लेने वालों के अधिकार
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि हर व्यक्ति को न्याय का अधिकार है। बैंक बिना किसी ठोस कारण के कार्रवाई नहीं कर सकता। लोन न चुका पाने की स्थिति में भी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों की रक्षा जरूरी है।
लोन चुकाने में परेशानी होने पर क्या करें?
अगर आप लोन चुकाने में परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो घबराएं नहीं। सबसे पहले बैंक से बात करें। कई बार बैंक किस्तों में छूट दे सकता है या समय बढ़ा सकता है। अगर बैंक कोई कड़ा कदम उठाता है, तो किसी वकील की सलाह लें।
भविष्य के लिए सावधानियां
लोन लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखें। अपनी आय के हिसाब से ही लोन लें। एक आपातकालीन फंड जरूर बनाएं, जिससे मुश्किल समय में काम आ सके। किस्तें समय पर चुकाने की कोशिश करें। अगर कोई परेशानी हो, तो तुरंत बैंक को सूचित करें।
निष्कर्ष
दिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला लोन लेने वालों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि बैंक कानून का पालन करते हुए ही कार्रवाई करें। साथ ही लोन लेने वालों को भी अपनी जिम्मेदारियों का एहसास रहेगा। यह फैसला बैंक और लोन लेने वालों के बीच एक संतुलन बनाने का प्रयास है, जिससे दोनों पक्षों के हित सुरक्षित रहें।