Google Pay: भारत के डिजिटल पेमेंट बाजार में Google Pay एक महत्वपूर्ण बदलाव करने जा रहा है। Google Pay के लीड प्रोडक्ट मैनेजमेंट, शरथ बुलसू के अनुसार, गूगल पे जल्द ही एक वॉइस फीचर पेश करने वाला है जिससे ऑनलाइन पेमेंट करना और भी सरल हो जाएगा। यह नया फीचर उन लोगों के लिए एक वरदान साबित हो सकता है जिन्हें पढ़ने-लिखने में कठिनाई होती है या जो अलग भाषाओं में सहज नहीं हैं।
वॉइस फीचर से आसान होगा पेमेंट
Google Pay का यह वॉइस फीचर यूजर्स को बोलकर ट्रांजैक्शन करने की सुविधा देगा, जिससे वे अपनी भाषा में आसानी से पेमेंट कर सकेंगे। इसका मतलब है कि यूजर्स को अब केवल पेमेंट की राशि और प्राप्तकर्ता के नाम का उच्चारण करना होगा, और ट्रांजैक्शन संपन्न हो जाएगा। यह फीचर विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होगा जो टेक्नोलॉजी के साथ अधिक परिचित नहीं हैं।
सरकारी सहयोग और Bhasini प्रोजेक्ट
Google Pay भारत सरकार के Bhasini प्रोजेक्ट के साथ मिलकर काम कर रहा है। यह प्रोजेक्ट भारतीय भाषाओं में पेमेंट प्रोसेस को सहज बनाने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे भाषा की बाधाओं को पार करते हुए हर व्यक्ति डिजिटल पेमेंट्स का लाभ उठा सके। इस पहल से गूगल पे का यूजर बेस और भी व्यापक होगा और डिजिटल इंडिया मिशन को भी बल मिलेगा।
भारत में ऑनलाइन पेमेंट्स की सुरक्षा
Google Pay का कहना है कि वे मशीन लर्निंग और एआई का उपयोग कर ऑनलाइन फ्रॉड और साइबर थ्रेट्स को रोकने में जुटे हैं। इन तकनीकों का इस्तेमाल उन फ्रॉड्स को पहचानने और रोकने में किया जाएगा जो उपयोगकर्ताओं के लिए जोखिम बन सकते हैं। इस प्रकार, गूगल पे न केवल अपने प्लेटफॉर्म को और अधिक उपयोगी बना रहा है बल्कि सुरक्षित भी बना रहा है।
यूपीआई मार्केट में Google Pay की स्थिति
नवंबर 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, Google Pay की यूपीआई में हिस्सेदारी करीब 37% है। फोनपे, Google Pay और पेटीएम जैसी कंपनियों का भारतीय यूपीआई बाजार में दबदबा है। सरकार द्वारा प्रस्तावित 30% मार्केट कैप की सीमा को 2026 तक बढ़ाने से इन कंपनियों को अपने ऑपरेशंस को और विस्तारित करने का मौका मिलेगा।
निष्कर्ष
Google Pay के नए वॉइस फीचर की पेशकश भारतीय बाजार में न केवल तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देगी, बल्कि डिजिटल इंडिया के विजन को साकार करने में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। यह फीचर उन लोगों के लिए क्रांतिकारी साबित हो सकता है जो पढ़ने-लिखने में कठिनाई महसूस करते हैं या टेक्नोलॉजी से अधिक परिचित नहीं हैं। इससे डिजिटल पेमेंट्स की पहुंच और सुरक्षा दोनों में सुधार होगा, जिससे भारत के डिजिटल अर्थव्यवस्था को नया बल मिलेगा।