Gold Price Today: सोना और चांदी की कीमतें हर किसी के लिए खास मायने रखती हैं, खासतौर पर भारतीय बाजार में। शादी-विवाह, त्योहारों और निवेश के लिहाज से सोने की मांग हमेशा बनी रहती है। लेकिन, इस बार सोने के भाव में लगातार दूसरे दिन गिरावट देखने को मिली है। 28 जनवरी को 24 कैरेट और 22 कैरेट सोने के दाम में 230 रुपये तक की गिरावट आई। वहीं, चांदी के भाव में भी 1,000 रुपये की गिरावट दर्ज हुई।
क्यों सस्ता हुआ सोना?
वैश्विक बाजारों में कमजोरी और घरेलू मांग में कमी के चलते सोने के भाव में यह गिरावट दर्ज हुई। बजट पेश होने से पहले बाजार में थोड़ी अस्थिरता देखी जा रही है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर की मजबूती और इंपोर्ट ड्यूटी जैसे कारकों ने भी सोने की कीमतों पर असर डाला है।
24 और 22 कैरेट सोने का ताज़ा भाव
आज 28 जनवरी को 24 कैरेट सोने का भाव 82,200 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि 22 कैरेट सोना 75,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बिक रहा है।
- 24 कैरेट सोना अपनी शुद्धता के लिए जाना जाता है और यह निवेश के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
- 22 कैरेट सोने का उपयोग ज्वैलरी बनाने के लिए किया जाता है क्योंकि यह अधिक मजबूत और टिकाऊ होता है।
दिल्ली और मुंबई में सोने की कीमतें
देश के प्रमुख शहरों में 28 जनवरी को सोने के दाम इस प्रकार रहे:
- दिल्ली: 24 कैरेट सोना 82,390 रुपये और 22 कैरेट सोना 75,540 रुपये प्रति 10 ग्राम।
- मुंबई: 24 कैरेट सोना 82,240 रुपये और 22 कैरेट सोना 75,390 रुपये प्रति 10 ग्राम।
- चेन्नई और कोलकाता में भी सोने के दाम मुंबई के समान रहे।
चांदी की कीमतों में भी गिरावट
सोने के साथ-साथ चांदी के भाव में भी गिरावट देखी गई। 28 जनवरी को चांदी की कीमत में 1,000 रुपये की कमी आई और यह 96,400 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। घरेलू बाजार में कमजोर मांग के कारण चांदी की कीमतों में यह गिरावट दर्ज हुई है।
भारत में सोने की कीमतें कैसे तय होती हैं?
भारत में सोने की कीमत कई कारकों पर निर्भर करती है:
- अंतरराष्ट्रीय बाजार: वैश्विक बाजार में सोने की कीमतों का सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ता है।
- इंपोर्ट ड्यूटी: भारत में ज्यादातर सोना आयात किया जाता है, इसलिए इंपोर्ट ड्यूटी सोने की कीमतों को प्रभावित करती है।
- रुपए की कीमत: डॉलर के मुकाबले रुपए की मजबूती या कमजोरी भी सोने के दाम तय करने में अहम भूमिका निभाती है।
- डिमांड और सप्लाई: शादी और त्योहारों के मौसम में सोने की मांग बढ़ने से कीमतें ऊपर जाती हैं।
सोने की कीमत में गिरावट निवेश के लिए क्यों है फायदेमंद?
जब सोने के भाव कम होते हैं, तो यह निवेशकों के लिए एक सुनहरा मौका होता है। कम कीमत पर सोना खरीदना भविष्य में बेहतर रिटर्न देने में मदद करता है। इसके अलावा, सोने को सुरक्षित निवेश का साधन माना जाता है, जो मुद्रास्फीति (inflation) और आर्थिक अस्थिरता के समय में भी स्थिरता प्रदान करता है।
सोने के दामों में गिरावट का मौजूदा ट्रेंड
हाल ही में सोने ने अपने रिकॉर्ड स्तर को छुआ था, लेकिन इसके बाद बाजार में करेक्शन देखने को मिला है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह गिरावट लंबे समय तक नहीं टिकेगी क्योंकि सोने की मांग भारतीय बाजार में हमेशा बनी रहती है।
सोने की कीमतों पर असर डालने वाले भविष्य के कारक
- बजट 2025: बजट पेश होने से पहले बाजार में अस्थिरता बनी रहती है। बजट में टैक्स और इंपोर्ट ड्यूटी में बदलाव सोने के दामों को प्रभावित कर सकता है।
- अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक हालात: अमेरिका और चीन जैसे बड़े देशों के आर्थिक फैसलों और भू-राजनीतिक घटनाओं का असर सोने की कीमतों पर पड़ता है।
- भारतीय अर्थव्यवस्था: देश में आर्थिक सुधार और औद्योगिक उत्पादन का सीधा प्रभाव सोने की कीमत पर देखा जा सकता है।
निष्कर्ष
28 जनवरी को सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट ने निवेशकों और खरीदारों के लिए एक अच्छा मौका प्रदान किया है। सोना हमेशा भारतीय संस्कृति और निवेश का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। हालांकि, बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए यह समझदारी होगी कि सोने में निवेश करते समय अपने बजट और लंबी अवधि के रिटर्न को ध्यान में रखा जाए।