LPG Gas Cylinder Update 2025: एलपीजी गैस सिलेंडर अब भारतीय घरों के लिए एक अनिवार्य वस्तु बन चुका है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में इसकी मांग तेजी से बढ़ी है। 2025 में एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि ने उपभोक्ताओं के खर्च को बढ़ा दिया है। आइए जानते हैं इस वृद्धि के कारण और इससे जुड़ी अहम जानकारी।
एलपीजी की खपत में इजाफा
भारत में एलपीजी की खपत हर साल बढ़ रही है। 2019-20 में प्रति व्यक्ति खपत 3.01 सिलेंडर थी। 2023-24 में यह 3.95 तक पहुंच गई और 2025 तक 4.34 सिलेंडर प्रति व्यक्ति होने का अनुमान है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने भी एलपीजी की मांग में बड़ा योगदान दिया है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का प्रभाव
2016 में शुरू की गई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत अब तक करोड़ों गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं। इस योजना का उद्देश्य स्वच्छ और सुरक्षित खाना पकाने की सुविधा देना है।
- अब तक 10.33 करोड़ कनेक्शन वितरित किए गए।
- हर लाभार्थी को 300 रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में एलपीजी सिलेंडर की खपत में बड़ा इजाफा हुआ है।
वितरकों की संख्या में वृद्धि
2014 में देश में केवल 13,896 गैस वितरक थे, जो 2024 तक बढ़कर 25,532 हो गए। इनमें से 90% वितरक ग्रामीण इलाकों में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रभाव
एलपीजी का उपयोग लकड़ी और कोयले जैसे पारंपरिक ईंधनों की जगह करता है। इससे न केवल वायु प्रदूषण कम होता है, बल्कि जंगलों की कटाई को भी रोका जा सकता है। एलपीजी का उपयोग स्वस्थ और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प के रूप में उभरा है।
नए अपडेट और योजनाएं
एलपीजी सिलेंडर की बढ़ी कीमतों के बावजूद, सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। सब्सिडी और प्रचार योजनाओं के जरिए उपभोक्ताओं को राहत देने का प्रयास किया जा रहा है।
निष्कर्ष
एलपीजी सिलेंडर की बढ़ती कीमतें भले ही एक चुनौती हो, लेकिन इसकी बढ़ती मांग और उपयोग यह दर्शाता है कि यह ईंधन भारतीय परिवारों के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। उज्ज्वला योजना और अन्य सरकारी पहल ने ग्रामीण क्षेत्रों में इसे सुलभ बनाया है। उपभोक्ताओं के लिए यह जरूरी है कि वे जागरूक रहें और उपलब्ध योजनाओं का लाभ उठाएं।