TRAI Telecom Update: भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में एक नया युग शुरू होने जा रहा है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो न केवल टेलीकॉम कंपनियों को प्रभावित करेंगे, बल्कि आम उपभोक्ताओं के लिए भी काफी महत्वपूर्ण साबित होंगे।
नंबरिंग सिस्टम में आमूल-चूल परिवर्तन
TRAI ने मौजूदा नंबरिंग सिस्टम में बड़े बदलाव का प्रस्ताव रखा है। अब तक जो शॉर्ट डिस्टेंस चार्जिंग एरिया (SDCA) मॉडल चल रहा था, उसकी जगह लाइसेंस सर्विस एरिया (LSA) आधारित 10-अंकीय बंद नंबरिंग योजना लागू होगी। इस बदलाव से नंबरिंग संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा और उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प मिलेंगे।
स्पैम कॉल्स से मुक्ति का नया समाधान
अनचाहे कॉल्स से परेशान उपभोक्ताओं के लिए TRAI ने एक बेहतरीन समाधान पेश किया है। कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सिस्टम के जरिए अब आप कॉल आने से पहले ही जान सकेंगे कि कॉल करने वाला कौन है। यह सिस्टम न केवल स्पैम कॉल्स को रोकने में मदद करेगा, बल्कि साइबर फ्रॉड से भी बचाएगा।
मशीन-टू-मशीन कनेक्शन का भविष्य
आने वाले समय में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और स्मार्ट डिवाइसेज की मांग बढ़ने वाली है। इसे ध्यान में रखते हुए TRAI ने M2M कनेक्शन के लिए 13-अंकीय नंबर का प्रस्ताव रखा है। यह कदम भविष्य की टेक्नोलॉजी के लिए रास्ता खोलेगा।
उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण बदलाव
नए नियमों में उपभोक्ताओं के हित को विशेष ध्यान में रखा गया है:
- नंबरिंग संसाधनों के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं
- फिक्स्ड लाइन कॉल्स के लिए “0” का प्रयोग अनिवार्य
- निष्क्रिय नंबरों के लिए नई गाइडलाइन्स
- इमरजेंसी सेवाओं के लिए मुफ्त शॉर्टकोड
मोबाइल नंबर की वैधता में बदलाव
TRAI ने मोबाइल नंबरों की निष्क्रियता को लेकर भी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब कोई भी नंबर 90 दिनों से पहले निष्क्रिय नहीं किया जा सकेगा। साथ ही, अगर कोई नंबर 365 दिनों तक बिल्कुल इस्तेमाल नहीं किया जाता है, तो वह स्वतः निष्क्रिय हो जाएगा।
भविष्य की तैयारी
TRAI के ये नए नियम भारतीय दूरसंचार क्षेत्र को एक नई दिशा दे रहे हैं। टेक्नोलॉजी के विकास और डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में ये बदलाव महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इससे न केवल टेलीकॉम सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को भी बेहतर सेवाएं मिलेंगी।
आने वाले समय में इन बदलावों का असर धीरे-धीरे दिखाई देगा। उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाओं का लाभ मिलेगा और टेलीकॉम कंपनियां अपने संसाधनों का कुशल उपयोग कर पाएंगी। TRAI के ये नियम भारतीय दूरसंचार क्षेत्र को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेंगे।